According to Hinduism the Pilgrimage tirthayatra (Teerth Yatra), is one of the five duties of every
Hindu,
along with Dharma, Worship, Sanskaras and Observing religious festivals.
A pilgrimage is an exercise in willpower, humility and faith, when the devotee travels to often difficult
locations,
leaving his problems at the feet of the Deity and forgetting everything but God.
A pilgrimage is an intimate experience, a direct connection between the seeker and the sacred.
A devotee
goes on pilgrimage to see holy men and women, to worship at holy shrines,
to have darshan of Deities abiding
in ancient sanctums.
A pilgrim journeys to see God have a life-changing, bliss-engendering, karma-eradicating contact with the
Divine.
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यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों,
चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण ७वीं-९वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं।
मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है।
भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊँचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से ३,१३३
मीटर (१०,२७९ फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है।
जाड़ों की ऋतु में हिमालयी क्षेत्र की रूक्ष मौसमी दशाओं के कारण मन्दिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से
लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है।
द्वारका (Dwarka) भारत के गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका ज़िले में स्थित एक प्राचीन नगर और नगरपालिका है।
यह ज़िले का मुख्यालय भी है। द्वारका गोमती नदी और अरब सागर के किनारे ओखामंडल प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर
बसा हुआ है।
यह हिन्दुओं के चारधाम में से एक है
और सप्तपुरी (सबसे पवित्र प्राचीन नगर) में से भी एक है। यह श्रीकृष्ण के प्राचीन राज्य द्वारका का स्थल है
और गुजरात की सर्वप्रथम राजधानी माना जाता है।
द्वारका एक अति-महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है।[4] यह हिन्दुओं के साथ सर्वाधिक पवित्र तीर्थों में से एक तथा
चार धामों में से एक है। यह सात पुरियों में एक पुरी है।
द्वारका के दक्षिण में एक लम्बा ताल है।
पुरी का श्री जगन्नाथ मन्दिर एक हिन्दू मन्दिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है।
यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है।
इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मन्दिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है।
यह वैष्णव सम्प्रदाय का मन्दिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मन्दिर का वार्षिक
रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है।
इसमें मन्दिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों, तीन
अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा|
रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओं के
चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता
है।[क] भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। रामेश्वरम चेन्नई से लगभग सवा
चार सौ मील दक्षिण-पूर्व में है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार
द्वीप है। बहुत पहले यह द्वीप भारत की मुख्य भूमि के साथ जुड़ा हुआ था, परन्तु बाद में सागर की लहरों ने इस
मिलाने वाली कड़ी को काट डाला, जिससे वह चारों ओर पानी से घिरकर टापू।
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